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Kavita Kosh से
*'''[[सरनामा-ए-गुमाँ नज़री / कृश्न कुमार 'तूर']]'''
*'''[[आलम ऐन / कृश्न कुमार 'तूर']]'''
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*[[अब सामने लाएँ आईना क्या / कृश्न कुमार 'तूर']]
*[[तेरे फ़िराक़ में जितनी भी अश्कबारी की / कृश्न कुमार 'तूर']]