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पिन बहुत सारे / कुँअर बेचैन का नाम बदलकर पिन बहुत सारे (कविता) / कुँअर बेचैन कर दिया गया है
|रचनाकार=कुँअर बेचैन
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{{KKCatKavita}}<poem>
जिंदगी का अर्थ
मरना हो गया है
और जीने के लिये हैं
दिन बहुत सारे ।
इस
समय की मेज़ पर
रक्खी हुई
जिंदगी है 'पिन-कुशन' जैसी
दोस्ती का अर्थ
चुभना हो गया है
और चुभने के लिए हैं
पिन बहुत सारे।
निम्न-मध्यमवर्ग के
परिवार की
अल्पमासिक आय-सी
है जिंदगी
वेतनों का अर्थ
चुकना हो गया है
और चुकने के लिए हैं
ऋण बहुत सारे।
'''''-- यह कविता [[Dr.Bhawna Kunwar]] द्वारा कविता कोश में डाली गयी है।<br/poem><br>'''''