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भूख / नरेश सक्सेना

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|संग्रह=समुद्र पर हो रही है बारिश / नरेश सक्सेना
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भूख सबसे पहले दिमाग़ खाती है
 
उसके बाद आँखें
 
फिर जिस्म में बाक़ी बची चीज़ों को
 
छोड़ती कुछ भी नहीं है भूख
 
वह रिश्तों को खाती है
 
माँ का हो बहन या बच्चों का
 
बच्चे तो उसे बेहद पसन्द हैं
 
जिन्हें वह सबसे पहले
 
और बड़ी तेज़ी से खाती है
 
बच्चों के बाद फिर बचता ही क्या है।
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