भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए

Changes

Kavita Kosh से
यहाँ जाएँ: भ्रमण, खोज

असाध्य वीणा / अज्ञेय / पृष्ठ 1

No change in size, 12:09, 29 दिसम्बर 2006
~*~*~*~*~*~*~*~*~*~*~*~*~*~*~*~*~*~*~*~*~*~*~
[[चित्र:Veena_instrument.gifjpg]]
आ गये प्रियंवद ! केशकम्बली ! गुफा-गेह !<br>
उसकी करि-शुंडों सी डालें<br><br>
[[चित्र:Veena_instrument.gifjpg]]<br><br>
हिम-वर्षा से पूरे वन-यूथों का कर लेती थीं परित्राण,<br>
जन मात्र प्रतीक्षमाण !"<br><br>
[[चित्र:Veena_instrument.gifjpg]]<br><br>
केश-कम्बली गुफा-गेह ने खोला कम्बल।<br>