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याद का इक दिया सा जलता है। / अमित
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,
16:27, 28 जनवरी 2010
अपनी जिद छोड़ दूँ ’अमित’ लेकिन,
उनका तेवर कहाँ बदलता है।
सरनिगूँ = , लज्जित। मुस्तकिल = । अर्श = । शम्स = ।
</poem>
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Amitabh
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