भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए
Changes
Kavita Kosh से
* [[कान्ह-दूत कैंधौं ब्रह्म-दूत ह्वै पधारे आप / जगन्नाथदास ’रत्नाकर’]]
* [[चोप करि चंदन चढ़ायौ जिन अंगनि पै / जगन्नाथदास ’रत्नाकर’]]
* [[ चिंता-मनि मंजुल पँवारि धूरि-धारनि मैं / जगन्नाथदास ’रत्नाकर’]]* [[ आए हो सिखावन कौं जोग मथुरा तैं तोपै / जगन्नाथदास ’रत्नाकर’]]* [[ चुप रहौ ऊधौ पथ मथुरा कौ गहौ / जगन्नाथदास ’रत्नाकर’]]* [[ नेम व्रत सजम के पींजरे परे को जब / जगन्नाथदास ’रत्नाकर’]]* [[ ल्याए लादि बादि ही लगावन हमारे गरैं / जगन्नाथदास ’रत्नाकर’]]* [[ हम परतच्छ मैं प्रमान अनुमाने नाम्हि / जगन्नाथदास ’रत्नाकर’]]* [[ रंग-रूप रहित सबही लखात हमें / जगन्नाथदास ’रत्नाकर’]]* [[ कर-बिनु कैसे गाय दुहिहैं हमारी वह / जगन्नाथदास ’रत्नाकर’]]* [[ वै तो बस बसन रँगावैं मन रँगत ये / जगन्नाथदास ’रत्नाकर’]]* [[ जोग को रमावै और समाधि को जगावै इहाँ / जगन्नाथदास ’रत्नाकर’]]* [[ सरग न चाहें अपबरग न चाहैं सुनो / जगन्नाथदास ’रत्नाकर’]]* [[ जग सपनौ सौ सब परत दिखाई तुम्हैं / जगन्नाथदास ’रत्नाकर’]]* [[ ऊधौ यह ज्ञान कौ बखान सब बाद हमैं / जगन्नाथदास ’रत्नाकर’]]* [[ वाही मुख मंजुल की चहतिं मरीचैं सदा / जगन्नाथदास ’रत्नाकर’]]* [[ ऊधौ जम-जातना की बात न चलाबौ नैकु / जगन्नाथदास ’रत्नाकर’]]* [[ जोगिनि की भोगिनि की बिकल बियोगिनी की / जगन्नाथदास ’रत्नाकर’]]* [[कठिन करेजौ जो न करक्यौ बियोग होत / जगन्नाथदास ’रत्नाकर’]]* [[नैननि के नीर और उसीर सौ पुलकावलि / जगन्नाथदास ’रत्नाकर’]]* [[जोहैं अभिराम स्याम चित की चमक ही मैं / जगन्नाथदास ’रत्नाकर’]]* [[कीजै ज्ञान भानु कौ प्रकास गिरि-सृंगनि पै / जगन्नाथदास ’रत्नाकर’]]* [[नैननि के आगे नित नाचत गुपाल रहैं / जगन्नाथदास ’रत्नाकर’]]* [[सुनि गुनि समझी तिहारी चतुराई जिती / जगन्नाथदास ’रत्नाकर’]]* [[नेमु ब्रत संजम के आसन अखंड लाइ / जगन्नाथदास ’रत्नाकर’]]* [[साधि लैहैं जोग के जटिल जे बिधान ऊधौ / जगन्नाथदास ’रत्नाकर’]]* [[साधिहैं समाधि औ’ अराधिहैं सबै जो कहो / जगन्नाथदास ’रत्नाकर’]]* [[कान्ह हूँ सौं आन ही विधान करिबै कौं ब्रह्म / जगन्नाथदास ’रत्नाकर’]]* [[ढोंग जात्यौ ढरकि परकि उर सोग जात्यौ / जगन्नाथदास ’रत्नाकर’]]* [[चाव सौं चले हौं जोग-चरचा चलाइबै कौं / जगन्नाथदास ’रत्नाकर’]]* [[धरि राखौ ज्ञान-गुन गौरव गुमान गोइ / जगन्नाथदास ’रत्नाकर’]]* [[प्रथम भुराई चाह-नाय पै चढ़ाइ नीकै / जगन्नाथदास ’रत्नाकर’]]* [[प्रेम-पाल पलटि उलटि पतवारि-पति / जगन्नाथदास ’रत्नाकर’]]* [[प्रथम भुराई प्रेम-पाठनि पढ़ाइ उन / जगन्नाथदास ’रत्नाकर’]]* [[एते दूरि देसनि सौं सखनि-सँदेसनि सौं / जगन्नाथदास ’रत्नाकर’]]* [[द्रौनाचल कौ ना यह छटकयौ कनुका जाहि / जगन्नाथदास ’रत्नाकर’]]* [[सुधि-बुधि जाति उड़ि जिनकी उसाँसनि सौं / जगन्नाथदास ’रत्नाकर’]]* [[सुघर सलोने स्यामसुन्दर सुजान कान्ह / जगन्नाथदास ’रत्नाकर’]]* [[कान्ह कूबरी के हिये हुलसे-सरोजनि तैं / जगन्नाथदास ’रत्नाकर’]]* [[सीता असगुन कौं कटाई नाक एक बेरि / जगन्नाथदास ’रत्नाकर’]]* [[आए कंसराइ के पठाए वे प्रतच्छ तुम / जगन्नाथदास ’रत्नाकर’]]* [[आए हौ पठाए वा छतीसे छलिया के इतै / जगन्नाथदास ’रत्नाकर’]]* [[कंस के कहे सौं जदुबंस कौ बताइ उन्हैं / जगन्नाथदास ’रत्नाकर’]]* [[चाहत निकारत तिन्हैं जो उर अन्तर तैं / जगन्नाथदास ’रत्नाकर’]]