भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए

Changes

Kavita Kosh से
यहाँ जाएँ: भ्रमण, खोज
नया पृष्ठ: {{KKGlobal}} {{KKRachna |रचनाकार=मन प्रसाद सुब्बा |संग्रह= }} <Poem> कागज का एक कोरा पन…
{{KKGlobal}}
{{KKRachna
|रचनाकार=मन प्रसाद सुब्बा
|संग्रह=
}}
<Poem>
कागज का एक कोरा पन्ना है यह जिंदगी
जिसमें एक छोटा लड़का
काल्पनिक चित्र खींचने की कोशिश कर रहा है
पेंसिल से रगाडकर
और फिर इरेजर से
घिसता-मिटाता
खींचते-मिटाते
पेंसिल भोथरी होने पर नुकीली बनाकर
फिर खींचता और मिटाता
हैरान होने तक यह क्रम दोहराता
चित्र अंकित होने की जगह अब तो
कागज में ही
इरेजर से
छेद होने लगा है

'''मूल नेपाली से अनुवाद: बिर्ख खड़का डुबर्सेली'''
<Poem>