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Kavita Kosh से
आदतन तुम ने कर िदये दिये वादे <br>आदतन हम ने ऐतबार िकया किया
तेरी राहों में हर बार रुक कर <br>
हम ने अपना ही इन्तज़ार िकया किया
अब ना माँगेंगे िजन्दगी जिन्दगी या रब <br>ये गुनाह हम ने एक बार िकयाकिया