भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए

Changes

Kavita Kosh से
यहाँ जाएँ: भ्रमण, खोज
|रचनाकार=नासिर काज़मी
}}
{{KKCatGhazal}}]
दिल में इक लहर सी उठी है अभी<br>
कोई ताज़ा हवा चली है अभी<br><br>
तेरी आवाज़ आ रही है अभी<br><br>
शहर की बेचराग़ बेचिराग़ गलियों में<br>
ज़िन्दगी तुझ को ढूँढती है अभी<br><br>
Delete, Mover, Uploader
894
edits