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Kavita Kosh से
|रचनाकार=नासिर काज़मी
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दिल में इक लहर सी उठी है अभी<br>
कोई ताज़ा हवा चली है अभी<br><br>
तेरी आवाज़ आ रही है अभी<br><br>
शहर की बेचराग़ बेचिराग़ गलियों में<br>
ज़िन्दगी तुझ को ढूँढती है अभी<br><br>