भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए

Changes

Kavita Kosh से
यहाँ जाएँ: भ्रमण, खोज

समयातीत पूर्ण-2 / कुमार सुरेश

43 bytes added, 16:16, 20 फ़रवरी 2010
== समयातीत पूर्ण २{{KKGlobal}}{{KKRachna =|रचनाकार=कुमार सुरेश}}{{KKCatKavita‎}}
<poem>
हे गोविन्द
गोपियाँ मतवाली थीं
तुम्हारी बांसुरी की तान पर
प्रेम का अकछय श्रोत
कहो पाया कैसे ?
</poem>
Delete, KKSahayogi, Mover, Protect, Reupload, Uploader
3,286
edits