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प्रकाश के रंग / त्रिलोचन
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23:49, 21 फ़रवरी 2010
सधे आवर्तों में घिर कर कई प्राण बहके
इन्हीं में रंगों की लहर उमड़ी व्योम-सरि सी ।
</poem>
अनिल जनविजय
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