भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए

Changes

Kavita Kosh से
यहाँ जाएँ: भ्रमण, खोज
<poem>वान्ना वगडा न वायरा वायरे, कन्ने घूमरियो घुम तो गायरे, रासे रमे, रासे रमे, गोप गोपियों नी संग, जामयो वृन्दावन ने मार गड़े रंग, वान्ना वगडा न वायरा वायरे, कन्ने घुमरिया घूम तो गायरे. घेरी घेरी, घेरी घेरी,एनी वागे मुरलियो, गौरी गौरी राधा ने, सुंदर श्यामडियो, वान्ना वगडा न वायरा वायरे, कन्ने घुमरिया घूम तो गायरे.</poem>
219
edits