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[[Category:ग़ज़ल]]
<poem>बस कि दुश्वार है हर काम का आसाँ होना <br>आदमी को भी मयस्सर नहीं इन्साँ इन्सां होना<br><br>
जल्वा अज़बस के अज़-बस कि तक़ाज़ा-ए-निगह करता है<br>जौहर-ए-आईन आईना<ref>आईने का पानी</ref> भी चाहे है मिज़ग़ाँ होनामिज़गां<brref>पलकें<br/ref>होना
ले गये ख़ाक में हम दाग़-ए-तमन्ना-ए-निशात<br>तू हो और आप बबसद-सदरंग-ए-गुलिस्ताँ होनारंग<brref>सैंकड़ों रंगों में<br/ref>गुलिस्तां होना
की मेरे क़त्ल के बाद उस ने उसने जफ़ा से तौबा<br>हाय उस ज़ूदपशेमाँ का पशेमाँ होनाज़ूद-पशेमां<brref>शीघ्र लज्जित होने वाला<br/ref>का पशेमां होना
हैफ़ <ref>अफसोस</ref> उस चार गिरह कपड़े की क़िस्मत 'ग़ालिब'<br>जिस की जिसकी क़िस्मत में हो आशिक़ का गरेबाँ गिरेबां होना <br><br/poem>{{KKMeaning}}