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[[Category:ग़ज़ल]]
<poem>बस कि दुश्वार है हर काम का आसाँ आसां होनाआदमी को भी मयस्सर नहीं इन्सां इंसां होना
गिरियां<ref>रोना</ref> चाहे है ख़राबी मेरे काशाने<ref>घर</ref> की
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