भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए
Changes
Kavita Kosh से
ग़ालिब
,* [[चाहिये अच्छों को जितना चाहिये / गा़लिब]]
* [[दायम पड़ा हुआ तेरे दर पर नहीं हूँ मैं / गा़लिब]]
* [[दर्द मिन्नतकशमिन्नत-कश-ए-दवा न हुआ / गा़लिब]]
* [[दर्द से मेरे है तुझ को बेक़रारी हाय हाय / गा़लिब]]
* [[देखना क़िस्मत कि आप अपने पे रश्क आ जाये है / गा़लिब]]