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कहाँ जाते हो,<br /> {{KKGlobal}}टूटा दिल, हमारा देखते जाओ <br />{{KKRachnaकिए जाते हो हमको <br />|रचनाकार=शैलेन्द्र}}[[Category:गीत]]बेसहारा देखते जाओ <br /poem>कहाँ जाते हो... <br />रुक जा ओ जाने वाली रुक जामैं तो राही तेरी मंज़िल कानज़रों में तेरी मैं बुरा सहीआदमी बुरा नहीं मैं दिल का
करूँ तो क्या करूँ <br />देखा ही नहीं तुझको, सूरत भी न पहचानीअब मैं तुम्हारी इस निशानी को <br />तू आके चली छम से, यूँ धूप के बिन पानीअधूरी रह गई अपनी <br />तमन्ना देखते जाओ <br />कहाँ जाते होरुक जा ... <br />
कली खिलने भी ना पाई <br />मुद्दत से मेरे दिल के, सपनों की तू रानी हैबहारें रूठ कर चल दी <br />अब तक न मिले लेकिन, पहचान पुरानी हैदिया क़िस्मत ने कैसा <br />हमको धोखा देखते जाओ <br />कहाँ जाते होरुक जा ... <br />
तमन्ना थी आ प्यार की दम निकले <br />हमारा तेरी राहों में, बाहों में <br />का सहारा लेहमारी ख़ाक में मिलती <br />दुनिया जिसे गाती है, उस गीत को दोहरा लेरुक जा ...तमन्ना देखते जाओ <br /poem>कहाँ जाते हो..