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|भाषा=पंजाबी
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{| style="color:black"|-|width="300" bgcolor="white"|<poem>
काला शाह काला, मेरा काला ई सरदार
गोरेआं नु दफा करो, मैं आप तिल्ले दी तार
जेहड़ा मेरे हाण दा ओ चला गया ए दफ्तर
काला शाह काला...
</poem>||width="300" bgcolor="CEF0FF"|<poem>मेरा पति काले रंग का है.
गोरे रंग वाले लोगों को भगा दो(गोरे रंग वालों की ज़रुरत नहीं है). मैं खुद ही सोने की तार जैसे हूँ.
सास तेरे पांच बेटे हैं. दो बुरे हैं और दो शराबी हैं
(लेकिन) जो मेरा पति है वो खिले हुए गुलाब जैसा है
सास तेरे पांच बेटे हैं. दो टीन हैं दो कनस्तर हैं(निक्कमे हैं)
(लेकिन) जो मेरा पति है वो दफ्तर चला गया है
</poem>
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