भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए

Changes

Kavita Kosh से
यहाँ जाएँ: भ्रमण, खोज

अनायास ही / कुमार सुरेश

67 bytes added, 06:17, 2 मार्च 2010
{{KKGlobal}}{{KKRachna|रचनाकार== अनायास ही ==कुमार सुरेश}}{{KKCatKavita‎}}<poem>हम अनचाहा गर्भ नहीं थे
हत्या कर नाली में बहाया नहीं गया
माँ की छाती में हमारा पेट भरने के लिए दूध था
क्योकि अनायास ही जहाँ मौजूद थे
वह सही वक्त और सही जगह थी
गलत वक्त गलत जगह पर कभी नहीं थे हम </poem>
Delete, Mover, Protect, Reupload, Uploader
53,693
edits