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[[Category:ग़ज़ल]]
<poem>बहुत सही ग़मे-गेती<ref>दुनिया का दुःख</ref> शराब कम क्या है
ग़ुलामे-साक़ी-ए-कौसर<ref>खुदा का दास</ref> हूँ, मुझको ग़म क्या है
बहुत सही ग़मतुम्हारी तर्ज़-एओ-गेती शराब कम रविश, जानते हैं हम क्या है<br>ग़ुलाम-ए-साक़ी-ए-कौसर हूँ मुझको ग़म रक़ीब पर है अगर लुत्फ़ तो सितम क्या है<br><br>
तुम्हारी तर्ज़कटे तो शब कहें काटे तो सांप कहलावेकोई बताओ, कि वो ज़ुल्फ़े-ओख़म-रविश जानते हैं हम क्या है<br>रक़ीब पर है अगर लुत्फ़ तो सितम ब-ख़म क्या है<br><br>
सुख़न में ख़ामान हश्रो-एनश्र<ref>क़यामत और उसका दंड</ref> का क़ायल न केशो-मिल्लत<ref>धर्म और क़ौम</ref> काख़ुदा के वास्ते, ऐसे की फिर क़सम क्या है सुख़न में ख़ामए<ref>क़लम</ref> ग़ालिब की आतशअफ़शानीआतश-अफ़शानी<ref>आग बरसाना<br/ref>यक़ीं है हमको भी , लेकिन अब उस में उसमें दम क्या है <br><br/poem>{{KKMeaning}}