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मेरा जूता है जापानी, ये पतलून इंगलिस्तानी{{KKGlobal}}{{KKRachna|रचनाकार=ग़ालिब}} [[Category:ग़ज़ल]]<br /poem>सर पे लाल टोपी रूसी, फिर भी दिल सताइश<ref>प्रशंसक</ref>-गर है हिंदुस्तानीज़ाहिद<ref>तपस्वी<br /ref>इस क़दर जिस बाग़े-रिज़वां<ref>स्वर्ग का बाग</ref> का मेरा जूता...वह इक गुलदस्ता है हम बेख़ुदों के ताक़े-निसियां<ref>विस्मृति को ताक़<br /ref>का
निकल पड़े हैं खुली सड़क परबयां कया कीजिये बेदादे-काविश-हाए-मिज़गां<br /ref>अपना सीना ताने - (२)पलकों के चुभने की पीड़ा<br /ref>का मंज़िल कहाँ कहाँ रुकना कि हर इक क़तरा-ए-ख़ूं दाना हैतस्बीहे-मरजां<ref>मूंगे की माला<br /ref>काऊपर वाला जाने न आई सतवते- (२)क़ातिल<br /ref>बढ़ते जायें हम सैलानी, जैसे एक दरिया तूफ़ानीहत्यारे का आंतक<br /ref>भी मानअ़ मेरे नालों को सर पे लाल...लिया दांतों में जो तिनका हुआ रेशा नैस्तां<ref>बांस का जंगल<br /ref>का
ऊपर नीचे नीचे ऊपर<br />दिखाऊंगा तमाशा, दी अगर फ़ुरसत ज़माने ने लहर चले जीवन की मेरा हर दाग़-ए- (२)दिल इक तुख्म<ref>बीज<br /ref>नादां हैं जो बैठ किनारेहै सर्व<ref>पेड़<br /ref>-ए-चिराग़ां कापूछें राह वतन की किया आईनाख़ाने का वो नक़्शा तेरे जल्वे ने करे जो परतव- (२)ए-ख़ुरशीद-आलम<br /ref>चलना जीवन की कहानी, रुकना मौत की निशानीदुनिया के सूरज का प्रतिबिम्ब<br /ref>सर पे लाल...शबनमिस्तां<ref>जहाँ ओस पड़ती हो<br /ref>का
होंगे राजे राजकुँवर हम<br />मेरी तामीर में मुज़्मिर है इक सूरत ख़राबी की हयूला बरक़-ए-ख़िरमन का है ख़ून-ए-गरम दहक़ां का  उगा है घर में हर-सू सब्ज़ा, वीरानी, तमाशा कर मदार अब खोदने पर घास के है मेरे दरबां का  ख़मोशी में निहां ख़ूं-गश्ता लाखों आरज़ूएं हैं चिराग़-ए-मुरदा हूं मैं बेज़ुबां गोर-ए-ग़रीबां का  हनोज़ इक परतव-ए-नक़्श-ए-ख़याल-ए-यार बाक़ी है बिगड़े दिल शहज़ादे - (२)ए-अफ़सुर्दा गोया हुजरा है यूसुफ़ के ज़िन्दां का  बग़ल में ग़ैर की आप आज सोए हैं कहीं, वरनासबब क्या? ख़्वाब में आ कर तबस्सुम-हाए-पिनहां का  नहीं मालूम किस-किसका लहू पानी हुआ होगा!क़यामत है सरश्क-आलूदा होना तेरी मिज़गां का  नज़र में है हमारी जादा-ए-राह-ए-फ़ना ग़ालिब कि यह शीराज़ा<br /ref>हम सिंहासन पर जा बैठे<br /ref>जब जब करें इरादे है आ़लम के अज्जाए- (२)परीशां<br /ref>सूरत है जानी पहचानी, दुनिया वालों को हैरानी<br /ref>का सर पे लाल...<br /poem>{{KKMeaning}}
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