भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए
Changes
Kavita Kosh से
{{kkglobalKKGlobal}}{{kkrachna}}KKRachna"|रचनाकार=मुकेश मानस"|संग्रह=}} {{KKCatKavita}}
<poem>
कभी हुआ था एक मनु
अब कैसे चढ़ा पाओगे
हम को किसी भी सूली पर
'''रचनाकाल''' : 2001</poem>