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Kavita Kosh से
हत्यारे सिर्फ़ हत्यारे होंगे।
खुले मैदान और फूलों से भरे बगीचे
ले जाएँगे वे अपने साथ
होते हैं हत्यारे फ़िराक़ में
नई-नई इच्छाओं नए-नए स्वप्नों के।
सारे उत्सव और त्यौहार
होंगे हत्यारों की झोली में।
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