भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए

Changes

Kavita Kosh से
यहाँ जाएँ: भ्रमण, खोज
.
मुझे तो लगता है कि ये अशुद्धियाँ पाठ्क को दिखाई नहीँ देनी चाहिए.
 
----
आदरणीय द्विज जी,
 
मैं आपसे सहमत हूँ. आज ही मैं यह सब अशुद्धियां ठीक कर दूंगी.
 
धन्यवाद,
 
संदीप कौर
Delete, Mover, Uploader
894
edits