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अब हम गुम हुए / बुल्ले शाह

18 bytes added, 13:45, 8 मार्च 2010
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अब हम गुम ग़ुम हुए प्रेम नगर के शहरअपने आप को जांच जाँच रहा हूँ
ना सर हाथ ना पैर
हम धुत्कारे पहले घर के
कौन करे निरवैर!
खोई खुदी ख़ुदी मनसब पहचानाजब देखी है खैरख़ैरदोनों जहां जहाँ में है बुल्ला शाह कोई नहीं है गैरग़ैरअब हम गुम ग़ुम हुए प्रेम नगर के शहर
'''मूल पंजाबी पाठ'''
अब हम गम गुम हुए प्रेम नगर के शहर
अपने आप नूं सोध गिआ हाँ
ना सर हाथ ना पैर
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