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कुछ दु:ख झेलो / रामेश्वर काम्बोज 'हिमांशु'
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11:59, 11 मार्च 2010
सुख-दुख बहा ले जाती है।<br>
या धारा के संग
बहो
तुम<br>
या धारा का मुख मोड़ दो।<br>
Rameshwarkambojhimanshu
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