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देख, वहाँ तेरा भाई बेचारा, पित्रोपोल मर रहा है
काला काली निवा नदी पर छाया वसन्त पारदर्शी
अमर बना देगा तुझे वह, अमृत-सा बह रहा है
तू सितारा है यदि तो पित्रोपोल नगर है तेरा
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