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गौतम राजऋषि

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* [[दूर क्षितिज पर सूरज चमका,सुब्‍ह खड़ी है आने को / गौतम राजरिशी]]
* [[जब से मुझको तूने छुआ है / गौतम राजरिशी]]
* [[सीखो आंखें पढ-अना साहिब ये बाजार सारा कहीं थम न जाये / गौतम राजरिशी]]
* [[परों का जब कभी / गौतम राजरिशी]]
* [[वो कहीं पे और ही तल्लीन तो नही / गौतम राजरिशी]]
* [[बहर में बांध ले काफिया रख / गौतम राजरिशी]]
* [[मुख न खोलो गर / गौतम राजरिशी]]
* [[दूर क्षितिज पे ओ मेरे एकाकी मन / गौतम राजरिशी]]
* [[हरे रंग का सूट / गौतम राजरिशी]]
* [[आईनों पे जमीं है काई लिख / गौतम राजरिशी]]
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