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लकडी {{KKGlobal}}{{KKFilmSongCategories|वर्ग= बालगीत}}{{KKFilmRachna|रचनाकार= गुलज़ार}}<poem>लकड़ी की काठी , काठी पे घोड़ा <br />घोडे घोड़े की दुम पे जो मारा हथौडा <br />हथौड़ादौड़ा दौड़ा दौड़ा घोड़ा दुम उठा के दौड़ा <br /><br />घोड़ा पहुँचा चौक में, चौक में था नाइ <br />नाई घोड़ेजी की नाइ नाई ने हजामत जो बनाई <br />चग-बग चग-बग चग-बग चग-बग<br />घोड़ा पहुँचा चौक में, चौक में था नाइ <br />घोड़ेजी की नाइ ने हजामत जो बनाई <br />दौड़ा दौड़ा दौड़ा घोड़ा दुम उठा के दौड़ा <br /><br />लकड़ी की काठी...घोड़ा था घमंडी पहुँचा सब्जी मण्डी <br />सब्जी मण्डी बरफ पड़ी थी बरफ में लग गई ठंडी <br />चग-बग चग-बग चग-बग चग-बग<br />घोड़ा था घमंडी घमण्डी पहुँचा सब्जी मण्डी <br />सब्जी मण्डी बरफ पड़ी थी बरफ में लग गई ठंडी <br />दौड़ा दौड़ा दौड़ा घोड़ा दुम उठा के दौड़ा <br /><br />लकड़ी की काठी...घोड़ा अपना तगडा है देखो कितनी चरबी है <br />चलता है महरौली में पर घोड़ा अपना अरबी है <br />चग-बग चग-बग चग-बग चग-बग<br />घोड़ा अपना तगडा तगड़ा है देखो कितनी चरबी है<br /> चलता है महरौली में पर घोड़ा अपना अरबी है <br />बांह छुडा छुड़ा के दौड़ा घोड़ा दुम उठा के दौड़ा <br /><br />लकडी लकड़ी की काठी काठी पे घोड़ा <br />...घोडे की दुम पे जो मारा हथौडा <br />दौड़ा दौड़ा दौड़ा घोड़ा दुम उठा के दौड़ा <br /poem>