भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए

Changes

Kavita Kosh से
यहाँ जाएँ: भ्रमण, खोज

अंदाज़ / रे मामा रे मामा रे

135 bytes added, 22:24, 19 मार्च 2010
{{KKGlobal}}
{{KKFilmSongCategories
|वर्ग= बालगीत
}}
{{KKFilmRachna
|रचनाकार= हसरत जयपुरी
}}
<poem>
सुन् सुन लो सुनाता हूँ तुमको काहानीकहानीरूठो ना हमसे ओ गुडियों कि गुड़ियों की रानीरे मामा रे मामा रे...
रे मम्मा रे मम्मा रेहम तो गए बाज़ार में लेने को आलूआलू वालू कुछ न मिला पीछे पड़ा भालूरे मम्मा मामा रे मम्मा मामा रे...
हम् हम तो गये बाजार् मे गए बाज़ार में लेने को आलुलट्टूआलु वालु कुछ् ना लट्टू वट्टू कुछ न मिला पीछे पडा भालू,पड़ा टट्टूरे मम्मा मामा रे मामा रे...
हम् हम तो गये बाजार् मे लेने को लट्टूलट्टू वट्टू कुछ् ना मिला पीछे पडा टट्टू,रे मम्मा ... हम् तो गये बाजार् मे गए बाज़ार में लेने को रोटीरोटी वोटी कुछ् ना मिलि कुछ न मिली पीछे पडि पड़ी मोटी,रे मम्मा मामा रे मामा रे...
</poem>
Delete, Mover, Uploader
894
edits