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* [[कीजै ज्ञान भानु कौ प्रकास गिरि-सृंगनि पै / जगन्नाथदास ’रत्नाकर’]]
* [[नैननि के आगे नित नाचत गुपाल रहैं / जगन्नाथदास ’रत्नाकर’]]
* [[सुनि गुनि सुनीं गुनीं समझी तिहारी चतुराई जिती / जगन्नाथदास ’रत्नाकर’]]
* [[नेमु ब्रत संजम के आसन अखंड लाइ / जगन्नाथदास ’रत्नाकर’]]
* [[साधि लैहैं जोग के जटिल जे बिधान ऊधौ / जगन्नाथदास ’रत्नाकर’]]