भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए
Changes
Kavita Kosh से
66 bytes removed,
00:51, 26 मार्च 2010
}}
[[Category:ग़ज़ल]]
<poem>
साँस लेते हुए भी डरता हूँ
ये न समझें कि आह करता हूँ
साँस लेते हुए भी डरता हूँ बहर-ए-हस्ती<brref>ये न समझें कि आह करता जीवन सागर</ref> में हूँ मिसाल-ए-हुबाब<brref>बुलबुला<br/ref>मिट ही जाता हूँ जब उभरता हूँ
बहर-ए-हस्ती में हूँ मिसाल-ए-हुबाब इतनी आज़ादी भी ग़नीमत<brref>शुक्र</ref> है मिट ही जाता साँस लेता हूँ जब उभरता बात करता हूँ <br><br>
बहर-ए-हस्ती = जीवन सागर<br>शेख़ साहब खुदा से डरते हो हुबाब = बु्लबुला <br> <br>मैं तो अंग्रेज़ों ही से डरता हूँ
इतनी आज़ादी भी ग़नीमत आप क्या पूछते हैं मेरा मिज़ाज शुक्र अल्लाह का है <br>साँस लेता हूँ बात करता मरता हूँ <br><br>
शेख़ साहब खुदा से डरते हो <br>मैं तो अंग्रेज़ों ही से डरता हूँ <br><br> आप क्या पूछते हैं मेरा मिज़ाज <br>शुक्र अल्लाह का है मरता हूँ <br><br> ये बड़ा ऐब मुझ में है 'अकबर' <br>दिल में जो आए कह गुज़रता हूँ <br><br/poem>{{KKMeaning}}