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<poem>आह कॊ चाहियॆ एक उम्र असर हॊनॆ तक
कॊन जीता है तॆरी ज़ुल्फ कॆ सर हॊनॆ तक!<br />
आशिकी सब्र तलब और तमन्ना बॆताब‌
दिल का क्या रंग करूं खून‍ ऎ जिगर हॊनॆ तक!<br />
हमनॆ माना कि तगाफुल ना करॊगॆ लॆकिन‌
खाक हॊ जायॆंगॆ हम तुमकॊ खबर हॊनॆ तक!</poem>
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