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Kavita Kosh से
व्यक्तिगत महत्वकांक्षाऐ
सर्वप्रथम त्याज्य है
सत्य वह नहीं है जो हमने सुन कर माना हो
सत्य वही है जिसका हम आविष्कार करते हैं