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एक थी धुनाई
एक थी पिटाई
तात रात जब आई
मैं भाग खड़ा हुआ
छोड़ा ऊना
पहुँचा पूना
छोटा-छोटा मोटा व्यापार किया
कुछ कमाया
कुछ खाया
और मां के सामने
उसकी छोटी बहू को पेश कर कहूंगा :
'जी भर कर गालियां दें दे लो माँ
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