भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए

Changes

Kavita Kosh से
यहाँ जाएँ: भ्रमण, खोज

अच्छे दिन / एकांत श्रीवास्तव

907 bytes added, 09:27, 24 अप्रैल 2010
नया पृष्ठ: अच्‍छे दिन खरगोन हैं<br /> लौटेंगे<br /> हरी दूब पर<br /> उछलते-कूदते<br /> और ह…
अच्‍छे दिन खरगोन हैं<br />
लौटेंगे<br />
हरी दूब पर<br />
उछलते-कूदते<br />
और हम<br />
गोद में लेकर<br />
उन्‍हें प्‍यार करेंगे<br />
<br />
अच्‍छे दिन पक्षी हैं<br />
उतरेंगे<br />
हरे पेड़ों की<br />
सबसे ऊंची फुनगियों पर<br />
और हम<br />
बहेलिये के जाल से<br />
उन्‍हें सचेत करेंगे<br />
<br />
अच्‍छे दिन दोस्‍त हैं<br />
मिलेंगे<br />
याञा के किसी मोड़ पर<br />
और हम<br />
उनसे कभी न बिछुड़ने का<br />
वादा करेंगे.<br />
<br />
778
edits