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नया पृष्ठ: नचकार आये हैं, नचकार<br /> आन गॉंव के<br /> नाचा है आज गॉंव में<br /> <br /> उमंग ह…
नचकार आये हैं, नचकार<br />
आन गॉंव के<br />
नाचा है आज गॉंव में<br />
<br />
उमंग है तन-मन में सबके <br />
जल्दी रॉंध-खाकर भात-साग<br />
दौड़ी आती हैं लड़कियॉं<br />
औरतें, बच्चे और लोग इकट्ठे हैं<br />
धारण चौरा के पास<br />
<br />
आज खूब चलेगी दुकान बाबूलाल की<br />
खूब रचेंगे होंठ सबके पान से<br />
खूब फबेगी पान से रचे होंठों पर मदरस-सी बात<br />
<br />
लड़कों के फिर मजे हैं, खड़े रहेंगे किनारे<br />
एक-दूसरे के कंधों पर हाथ रखे<br />
हॅंसते-छेड़ते एक-दूसरे को<br />
कि अभी आयेगी नचकारिन<br />
उनके हाथों से लेने को रूपैया<br />
<br />
और थिरकेगी जैसे दूध मोंगरा की पत्ती<br />
लहरायेगी जैसे बरखा की फुहार<br />
डोलेगी जैसे पीपल का पत्ता<br />
लहसेगी जैसे करन की डगाल<br />
महकेगी जैसे मगरमस्त का फूल<br />
चमकेगी जैसे बिजली<br />
और गाज बनकर गिरेगी सबके मन पर<br />
<br />
जब तक उग न जाये सुकवा<br />
फूट न जाये पूरब में रक्तिम आलोक<br />
तब तक गैसबत्ती और बिजली का<br />
मिला-जुला उजाला रहेगा<br />
मिले-जुले मन<br />
<br />
उत्सव-सी बीतेगी रात<br />
नाचा है आज गॉंव में.<br />
आन गॉंव के<br />
नाचा है आज गॉंव में<br />
<br />
उमंग है तन-मन में सबके <br />
जल्दी रॉंध-खाकर भात-साग<br />
दौड़ी आती हैं लड़कियॉं<br />
औरतें, बच्चे और लोग इकट्ठे हैं<br />
धारण चौरा के पास<br />
<br />
आज खूब चलेगी दुकान बाबूलाल की<br />
खूब रचेंगे होंठ सबके पान से<br />
खूब फबेगी पान से रचे होंठों पर मदरस-सी बात<br />
<br />
लड़कों के फिर मजे हैं, खड़े रहेंगे किनारे<br />
एक-दूसरे के कंधों पर हाथ रखे<br />
हॅंसते-छेड़ते एक-दूसरे को<br />
कि अभी आयेगी नचकारिन<br />
उनके हाथों से लेने को रूपैया<br />
<br />
और थिरकेगी जैसे दूध मोंगरा की पत्ती<br />
लहरायेगी जैसे बरखा की फुहार<br />
डोलेगी जैसे पीपल का पत्ता<br />
लहसेगी जैसे करन की डगाल<br />
महकेगी जैसे मगरमस्त का फूल<br />
चमकेगी जैसे बिजली<br />
और गाज बनकर गिरेगी सबके मन पर<br />
<br />
जब तक उग न जाये सुकवा<br />
फूट न जाये पूरब में रक्तिम आलोक<br />
तब तक गैसबत्ती और बिजली का<br />
मिला-जुला उजाला रहेगा<br />
मिले-जुले मन<br />
<br />
उत्सव-सी बीतेगी रात<br />
नाचा है आज गॉंव में.<br />