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* [[मुत्तफ़ावतें हैं मेरे ख़ुदा कि ये तू नहीं कोई और है / फ़राज़]]
* [[नज़्म - ऐ मेरे वतन के लोगों, अब मेरे दुसरे बाजू पे वो शमशीर है / फ़राज़]]
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