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इस घर में / नवीन सागर

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<Poem>
इस घर में घर से ज्‍यादा धुऑंधुआँअंधेरे अँधेरे से ज्‍यादा अंधेराअँधेरादीवार से बड़ी दरार.दरार।
इस घर में मलबा बहुत
जिसमें से सॉंस साँस लेने की आवाज आवाज़ लगातारआलों में लुप्‍त जिंदगियों ज़िंदगियों का भान चीजों चीज़ों में थकान.थकान।
इस घर में सब बेघर
इस घर में
झुलसे हुए रंगों के धब्‍बे
सपनों की गर्द पर बच्‍चों की उंगलियों उँगलियों के निशान.निशान।
इस घर में नींद से बहुत लम्‍बी रात.रात।</poem>
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