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काव्य की कुलवधू हाशिए पर खड़ी
 
ओढ़कर त्रासदी का मलिन आवरण
 
चन्द सिक्कों में बिकती रही ज़िंदगी
 
और नीलाम होते रहे आचरण
 
लेखनी छुप के आंसू बहाती रही
 
उनको रखने को गंगाजली चाहिए।