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राजमहलों के कालीन की कोख में
कितनी रंभाओं का है कुंआरा स्र्दन
देह की हाट में भूख की त्रासदी
और भी कुछ है तो उम्र भर की घुटन
इस घुटन को उपेक्षा बहुत मिल चुकी
अब तो जीने का अधिकार दिलवाइए।