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सो गई है मनुजता की संवेदना / जगदीश व्योम
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,
03:18, 14 मई 2010
भूख के
प'श्न
प्रश्न
हल कर रहा जो
,
उसेहै जरूरत नहीं
,
कोई कुछ ज्ञान देकर्म से हो विमुख व्यक्ति
,
गीता रटे
और चाहे कि युग उसको सम्मान दे
ऐसे भूले पथिक को
,
पतित पंक सेखींच कर
,
कर्म के पंथ पर लाइए।
डा० जगदीश व्योम
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