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{{KKRachna
|रचनाकार=तलअत इरफ़ानी
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{{KKCatNazm}}KKPustak<poem>|चित्र= हल्के नीले रंग का मेरा नया ऊनी पुलोवेरऔर यह सर्दी का मौसम,इन दिनों जब पर्बतों पर बर्फ गिरती हैतो जाने क्यों मुझेभेड़ों के बच्चे याद आते हैं,और मेरी सोचउन भेड़ों |नाम=हिमाचल की नंगी पींठ छू कर लौटती है याद्जिन के जिस्मों से |रचनाकार=[[तलअत इरफ़ानी]]अभी तक उन उतारी जा रही है,|प्रकाशक=वो चरगाहें कहाँ होंगी |वर्ष=के जिन में|भाषा=उर्दूधुंध के नीचे सभी कुछ|विषय= काव्य-संकलनसोया सोया जग रहा है|शैली=--मैं भी उन भेड़ों के बच्चों में से |पृष्ठ=कोई एक हूँ,|ISBN=--जाने मुझे क्यों लग रहा है।|विविध=--</poem>}}