भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए

Changes

Kavita Kosh से
यहाँ जाएँ: भ्रमण, खोज

औरत / मुकेश मानस

145 bytes added, 15:08, 26 मई 2010
{{KKGlobal}}{{KKRachna|रचनाकार=मुकेश मानस|संग्रह=पतंग और चरखड़ी / मुकेश मानस }} {{KKCatKavita}}
<poem>
 
'''औरत'''
 
 
झाडू लगाते-लगाते
एक जीती -जागती औरत
झाड़ू में बदल जाती है
 
धीरे-धीरे
इस देश की
Delete, Mover, Protect, Reupload, Uploader
53,693
edits