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Kavita Kosh से
गलियों नुक्कड़ों दूकानों में घूमकर
जब आप घर पहुचेंगेपहुँचेंगे
तो अकेले नहीं होंगे
आपके साथ होंगे बहुत से दृश्य बहुत सी आवाज़ें