Changes

1.
 
बस्ती बस्ती घोर उदासी पर्वत पर्वत खालीपन
एक तो तेरा भोलापन है एक मेरा दीवानापन
 
2.
 
जिसकी धुन पर दुनिया नाचे, दिल एक ऐसा इकतारा है,
 
जो हमको भी प्यारा है और, जो तुमको भी प्यारा है.
 
झूम रही है सारी दुनिया, जबकि हमारे गीतों पर,
 
तब कहती हो प्यार हुआ है, क्या अहसान तुम्हारा है.
 
 
 
3.
 
जो धरती से अम्बर जोड़े , उसका नाम मोहब्बत है ,
 
जो शीशे से पत्थर तोड़े , उसका नाम मोहब्बत है ,
 
कतरा कतरा सागर तक तो ,जाती है हर उमर मगर ,
 
बहता दरिया वापस मोड़े , उसका नाम मोहब्बत है .
 
4.
बहुत टूटा बहुत बिखरा थपेडे सह नही पाया
कभी तुम सुन नही पायी कभी मै कह नही पाया
35.
तुम्हारे पास हूँ लेकिन जो दूरी है समझता हूँ
46.
पनाहों में जो आया हो तो उस पर वार करना क्या
57.
समन्दर पीर का अन्दर है लेकिन रो नही सकता