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Kavita Kosh से
:शांति निकेतन जहाँ तपोवन
:ध्यानावस्थित हो ॠषि ऋषि मुनि गण
:चिद् नभ में करते थे विचरण,
:यहाँ सत्य की किरणें बरसीं!