भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए

Changes

Kavita Kosh से
यहाँ जाएँ: भ्रमण, खोज

रफ़ूगरी / मदन कश्यप

15 bytes added, 16:13, 5 जून 2010
|रचनाकार= मदन कश्‍यप
|संग्रह= नीम रोशनी में / मदन कश्‍यप
}}{{KKCatKavita}}
<poem>
हर आदमी अपने फटे को ढंकना चाहता है