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Kavita Kosh से
भरी हुई है प्रीत से सभी के मन की झोलियाँ
भले ही अपने सामने नए-नए सवाल होहों
मगर हर सवाल का जवाब हम जवाब तुम
भले ही हम में तुम में कुछ रूप-रंग में भेद हो
है खुशबुओ खुशबुओं में फर्क फ़र्क क्या गुलाब हम गुलाब तुम
चलो कि आज मिल के साथ राष्ट्र -वन्दना करें सभी दिलो दिलों में एक रंग सिर्फ प्यार का भरेभरें
चलो कि आज मिल के हम खाए खाएँ ये एक कसमक़समस्वदेश के लिए जिएजिएँ-स्वदेश के लिए मरेमरें
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