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दु:ख / मुकेश मानस

358 bytes added, 06:00, 6 जून 2010
<poem>
'''दु:ख''' 1
दु:ख हर मौसम में होते हैं
सिर्फ अहसास होता है
1986
 2 दु:ख हर मौसम में होते हैंमौसम के बदलने परदु:ख भी बदल जाते हैं जैसा होता है मौसमवैसे होजाते हैं दु:खहर मौसम केअपने ही दु:ख होते हैं2005 <poem.>
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