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उदास तो है / विजय वाते

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<poem>
मेरा अहसास मेरे पास तो है,
दिल जो रोया नहीं उदास तो है|

सब समझते हैं जिसको परदेसी,
वो कहीं दिल के आस पास तो है |

राम इस दौर में कहाँ होंगे,
राम जैसा कोई लिबास तो है |

चल पड़ा है कोई हवा के खिलाफ,
कुछ नतीजा नहीं है आस तो है |</poem>